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बड़ों की बात

बच्चे को मानसिक रूप से बीमार तो नहीं रही ऑनलाइन क्लासेस, ऐसे रखें ध्यान 

बच्चे को मानसिक रूप से बीमार तो नहीं रही ऑनलाइन क्लासेस, ऐसे रखें ध्यान

आजकल छोटे बच्चे भी अपना काफी समय मोबाइल पर बिता रहे हैं। एक तरफ स्कूल बंद होने की वजह से ऑनलाइन क्लासें चल रही है तो वही दूसरी तरफ स्कूल न जाने की वजह से अधिकतर समय बच्चे कार्टून सहित अन्य चीजों को दे रहे हैं। वहीं, अभी स्कूल फिलहाल बंद रहने वाले हैं, ऐसे में बच्चों की ऑनलाइस क्लासेस चल रही है जिससे बच्चों पर कुछ न कुछ असर पढ़ रहा है।

वैसे ऑनलाइन क्लासेज चलने की वजह से बच्चों के लिए काफी अच्छा है क्योंकि इससे बच्चे किसी तरह के खतरे में नहीं आ सकेंगे। वहीं यह काफी चिंताजनक भी कि ऑनलाइन क्लास के कारण भी कई बच्चों पर इसका नकारात्मक प्रभाव भी पड़ रहा है।

बच्चों को लेकर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनिसेफ (UNICEF) ने इस संबंध में चेतावनी भी जारी की है। यूनिसेफ के अधिकारियों ने कहा कि बच्चे जब भी गैजेट्स का इस्तेमाल करें तो माता या पिता में से कोई उनके साथ रहे और उन्हें आधे घंटे से ज्यादा गैजेट्स का इस्तेमाल न करने दें। बच्चे अधिक समय तक गैजेट्स का प्रयोग करते हैं तो उससे उन्हें नुकसान हो सकता है। ऐसे में बच्चों के लिए बहुत जरूरी है कि उन्हें सावधानी के साथ में रखा जाए।

आप ये करें उपाय

-ऑनलाइन पढ़ाई करते समय ध्यान रखें कि बच्चे गैजेट्स को काफी पास से इस्तेमाल ना करें। इससे बच्चों की आंखों के साथ साथ में उनके दिमाग पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा। बहुत पास से स्क्रीन का इस्तेमाल न करने दें क्योंकि बच्चों की आंखें कमजोर होती हैं। 0

– ऑनलाइन क्लास खत्म होने के बाद बच्चों को गैजेट्स का इस्तेमाल ना करने दें बल्कि उन्हें कुछ क्रिएटिव काम करवाएं ताकि आंखों को आराम मिल जाएं। बहुत देर तक गैजेट्स के सामने बैठना बच्चों के मानसिक विकास के लिए काफी हानिकारक होता है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चे कुछ क्रिएटिव काम करें। इससे वह अपना ध्यान बाकी चीजों पर भी लगा सकते हैं।

– बच्चे चाह किसी भी उम्र के हो सबसे ज्यादा गैजेट्स से उससे आकर्षित होते हैं। ऐसे में कई माता-पिता भी बच्चों के व्यस्त रखने के लिए उन्हें अपना फोन दे देते हैं जिससे बच्चा दिनभर फोन पर लगा रहता है। यह सही नहीं और उनके लिए ऐसा करना बिल्कुल गलत है। उन्होंने कहा कि बच्चा ऐसे में ठीक से खाना नहीं खाता और ना ही किसी और चीज में उसका मन लगता है। ऐसे मे जरूरी है कि गैजेट्स के दुष्प्रभावों के बारे में बच्चों को प्यार से समझाएं। अगर बच्चे नहीं मानते हैं तो उन पर ध्यान दें। सरकार जरूर ध्यान रखें कि बच्चे को डांटे या मारे बिल्कुल नहीं। अन्यथा इसका भी उसके व्यवहार पर बुरा असर होगा।

– यदि बच्चा ज्यादा समय तक स्क्रीन से सामने बैठा है तो उसके सोने के टाइम का भी पर्याप्त ध्यान रखने की बात करनी चाहिए। बच्चों के कंधों, पीठ और आंखों में दर्द होने लगा है तो पीठ व कंधों पर तेल लगाकर मालिश भी कर सकते हैं।

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