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प्राथमिक विद्यालय राजापुर में त्रैमासिक पत्रिका ‘नन्हीं कलम’ का विमोचन 

प्राथमिक विद्यालय राजापुर में त्रैमासिक पत्रिका ‘नन्हीं कलम’ का विमोचन

रायबरेली।

अपने नित नूतन प्रयासों व नवाचारों के लिए जिले में अलग स्थान रखने वाला राही ब्लॉक का प्राथमिक विद्यालय राजापुर के बच्चों ने फिर एक से नवाचार किया है। यहां के बच्चों की तरफ से त्रैमासिक दीवार पत्रिका ‘नन्हीं कलम’ तैयार की गई है। बच्चों द्वारा सम्पादित करके तैयार की गई त्रैमासिक दीवार पत्रिका ‘नन्हीं कलम’ का बुधवार को विमोचन किया गया। राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक अजय सिंह के निर्देशन व मार्गदर्शन में बच्चों द्वारा तैयार की गई त्रैमासिक दीवार पत्रिका ‘नन्हीं कलम’ के प्रथम अंक का विमोचन बुधवार को बच्चों के माता-पिता व विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) के पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा किया गया।

बच्चों की तरफ से तैयार की गई ‘नन्हीं कलम’ दीवार पत्रिका की टीम में संपादक कक्षा-5 की दीपान्शी, सह-संपादक आर्यन (कक्षा-4), संकलन सहयोग कक्षा-4 की अनन्या, श्रियांश (कक्षा-3), अभय (कक्षा-2), नीलू (कक्षा-2) और पत्रिका के सज्जा सहयोग में संजू (कक्षा-5), मनीषा (कक्षा-5), रोमा देवी (कक्षा-5) अपूर्वा (कक्षा-3), अनामिका (कक्षा-2), भूमिका (कक्षा-2) रही है। वहीं, इस टीम की संकलन प्रभारी- माया देवी, सज्जा प्रभारी- बन्दना, निर्देशन व मार्गदर्शन अजय सिंह व पत्रिका के संरक्षक प्रधानाध्यापक शिव बहादुर रहे।

दीवार पत्रिका के विमोचन के अवसर पर एसएमसी अध्यक्ष सुरेश कुमार, उपाध्यक्ष कंचन देवी, सदस्य जागेलाल, राज किशोर, मंजू, सुरावती, शिवबहादुर (प्र.अ.), अजय सिंह, बन्दना, माया देवी, सान्या देवी (डी. एल.एड्.प्रशिक्षु) रसोइया, माताएँ व बच्चे उपस्थित रहे।

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जानें क्या है दीवार पत्रिका्
दीवार पत्रिका विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए एक रचनात्मक मंच है। बच्चे अपने विचारों को विभिन्न विधाओं जैसे- कविता, कहानी, जीवनी, चित्र, लघुकथा, निबंध आदि में लिखते हैं, इसके बाद शिक्षक के द्वारा सुधार हेतु मार्गदर्शन दिया जाता है। इसके उपरांत बच्चों में से एक कोई बच्चा सम्पादक होता है। वह अपने शिक्षक के मार्गदर्शन में तीन या चार चार्ट पेपर जोड़कर एक बड़ा बेस तैयार करता है और फिर उसी में अपने साथियों की रचनाएँ जिस भी विधा में होती हैं उसे चिपका दिया जाता है। दीवार पत्रिका का हेडर व अन्य सजावट भी की जाती है, इस तरह से दीवार पत्रिका तैयार हो जाती है।

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दीवार पत्रिका के लाभ
बच्चों में पुस्तकालय की पुस्तक पढ़ने व खोजने की प्रवृत्ति बढ़ती है, साथ ही अपने विचारों को शब्द रूप देकर लिखित रूप से अभिव्यक्त कौशल का विकास होता है। बच्चों की चिंतन शक्ति व रचनात्मकता को खुला आसमान मिल जाता है।

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