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असफलता और शादी की शर्त के बीच निधि सिवाच ने पास की यूपीएससी परीक्षा 

असफलता और शादी की शर्त के बीच निधि सिवाच ने पास की यूपीएससी परीक्षा

यूपीएससी का सफर कई लोगों के लिए संघर्षपूर्ण होता है और यहां उन्हें मानसिक रूप से भी काफी दबाव झेलना पड़ता है. असफलता मिलने पर तरह-तरह के ताने मारे जाते हैं. आज आपको आईएएस अफसर निधि सिवाच के सफर के बारे में बताएंगे, जिनके सामने घर वालों ने शर्त रखी थी कि अगर वे परीक्षा में फेल होंगी तो उन्हें शादी करनी पड़ेगी. इस दबाव के बीच उन्होंने तीसरे प्रयास में सेल्फ स्टडी की बदौलत अच्छी रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया.

2 साल जॉब करने के बाद यूपीएससी में आईं

निधि मूल रूप से हरियाणा के गुरुग्राम की रहने वाली हैं. मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने हैदराबाद की एक कंपनी में नौकरी ज्वाइन कर ली. करीब 2 साल तक नौकरी करने के बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला किया. यह फैसला करना निधि के लिए आसान नहीं था, क्योंकि उनका करियर लगभग सेट हो चुका था. लेकिन उन्होंने ठान लिया कि वे अब आईएएस अफसर बनकर ही मानेंगी.

जब घर वालों ने रखी शर्त

कड़े संघर्ष के बावजूद निधि को यूपीएससी में लगातार दो बार असफलता का सामना करना पड़ा. ऐसे में वे खुद को पॉजिटिव रखने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन घरवालों ने उनके सामने शर्त रख दी कि अगर वे इस बार फेल हुईं तो उन्हें शादी करनी पड़ेगी. निधि ने शर्त को तो मान लिया, लेकिन यह भी ठान लिया कि इस बार यूपीएससी परीक्षा जरूर पास करेंगी. उन्होंने हर बार से ज्यादा मेहनत की और तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 83 हासिल कर ली. इस तरह निधि को मनपसंद इंडियन एडमिनिस्ट्रेशन सर्विस मिल गई.

अन्य कैंडिडेट्स को निधि सिवाच की सलाह

निधि का मानना है कि यूपीएससी के सफर में छोटी-छोटी गलतियां आपकी असफलता का कारण बन जाती हैं. इसलिए तैयारी करते वक्त छोटी-छोटी बातों को बेहद गहराई के साथ पढ़ना चाहिए. उनके मुताबिक सेल्फ-स्टडी ही इस परीक्षा को पास करने का बेहतरीन जरिया है. अगर आप यहां असफल भी हो जाएं तो निराश होने के बजाय अपनी कमियों की पहचान कर उन्हें सुधारें. यहां आपको पॉजिटिव एटीट्यूड के साथ लगातार मेहनत करनी होगी.

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