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मेरठ के प्रतिभाशाली छात्र जिन्होंने बढ़ाया जिले का मान 

मेरठ के प्रतिभाशाली छात्र जिन्होंने बढ़ाया जिले का मान

यूपी पीसीएस-2018 के आए परिणाम में मेरठ जिले के कई होनहारों ने भी नाम रोशन किया गया है। यहां के युवाओं ने इबादत लिखने नया तरीका अपनाया और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर तैयारी शुरू की और सफलता की कहानी लिख दी। आइए आपको कुछ प्रेरणादायक लोगों की कहानी बताते हैं।

हेमंत ने हासिल की 23वीं रैंक
मेरठ जिले में गंगानगर निवासी हेमंत पांडेय ने 23वीं रैंक हासिल कर यह महारत हासिल की है। अपनी कैटेगरी में बेहतर रैंक पाने वाले पांडेय अब आबकारी निरीक्षक बन गए हैं। हेमंत ने ट्रांसलेम स्कूल से 12वीं करने के बाद बीआईटी कॉलेज से बीटेक किया। इसके बाद उन्होंने इग्नू से लोक प्रशासन में परास्नातक की पढ़ाई की। हेमंत के पिता राजीव पांडेय इलाहाबाद में हायर एजुकेशन ज्वॉइंट डायरेक्टर हैं और मां संजीव लता गृहणी हैं।

एक्साइज इंस्पेक्टर बने भूपेश सिंह
मेरठ के ही मोदीपुरम की एटूजेड कॉलोनी निवासी भूपेश कुमार सिंह 99वीं रैंक हासिल कर एक्साइज इंस्पेक्टर बनेंगे। वे सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के रिटायर्ड प्रोफेसर मोहन लाल के बेटे है। उनके बड़े भाई पुस्तक कुमार सिंह दिल्ली में एक मेन्यूफेक्चरिंग कंपनी में असिस्टेंट प्रोडक्शन मैनेजर हैं। भूपेश ने दिल्ली में रहकर सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की और आखिरकार अब सफलता पाई है। भूपेश ने बताया कि हाईस्कूल और इंटर की पढ़ाई सीबीएसई से की। इसके बाद उन्होंने 2016 में बीटेक पास कर एक साल तक जॉब की। इसके बाद वह सबकुछ छोड़कर तैयारी में जुट गए। भूपेश का चयन होने पर उनके परिजनों के अलावा रिश्तेदार और दोस्त भी बधाई दे रहे हैं। भूपेश कुमार सिंह ने पिता मोहन लाल व मां मिथलेश कुमारी को चयन होने पर श्रेय दिया।

नौकरी छोड़कर की थी तैयारी
मेरठ जिले के साकेत निवासी इशिता मित्तल अब असिस्टेंट कश्मिनर इंडस्ट्री बनी हैं। उन्होंने पहले नौकरी की थी, लेकिन नौकरी छोड़ने के बाद उन्होंने तैयारी शुरू की और आखिरकार अब उन्हें सफलता भी मिली है। उनके पिता नरेश चंद्र मित्तल यूपीपीसीएल में चीफ इंजीनियर रहे हैं। माता वंदना मित्तल गृहिणी हैं। इशिता इकलौती बेटी हैं। उन्होंने 12वीं गुरु तेगबहादुर स्कूल (सीबीएसई) से की। इसके बाद गाजियाबाद से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया। इंजीनियरिंग की डिग्री मिलने के बाद इशिता का चयन आईबीएम बंगलूरू में हो गया था और वहां पर उन्होंने जून 2017 नौकरी और उसके नौकरी छोड़कर घर आ गई। यहां पर पब्लिक मिनिस्ट्रेशन में घर से ही तैयारी की।

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