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IIT दिल्ली ने निदेशक ने कहा, पूर्व छात्रों, ‘नेक लोगों’ करें JEE की परीक्षा ने वालो अभ्यर्थियों की मदद 

IIT दिल्ली ने निदेशक ने कहा,  पूर्व छात्रों, ‘नेक लोगों’ करें JEE की परीक्षा ने वालो अभ्यर्थियों की मदद

देशभर के आईआईटी, ट्रिपल आईआईटी सहित अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया के लिए आज से जेईई एंट्रेस एग्जाम शुरू हो गए हैं। ऐसे में छात्रों को कुछ जगहों पर दिक्कतों का सामना भी करना पड़ रहा है। छात्रों की इस समस्या भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने आईआईटी के पूर्व छात्रों और छात्रों से अपील की है कि वह लोग मदद करें। बता दें, इस साल आईआईटी दिल्ली ही संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) को आयोजित करा रहा हैप। आईआईटी ने देशभर के पूर्व छात्रों और छात्रों से अपील की है कि वे जेईई परीक्षार्थियों को जिन्हें परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में परेशानियां हों, उनके के लिए परिवहन की व्यवस्था करें।

इस संबंध में दिल्ली आईआईटी के निदेशक वी. रामगोपाल राव ने शनिवार को फेसबुक पर एक अपील में आईआईटी के पूर्व छात्रों, छात्रों और ‘नेक लोगों’ को कोविड-19 महामारी के कारण पर्याप्त सार्वजनिक परिवहन की अनुपलब्धता के मद्देनजर छात्रों को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने में मदद करने को कहा है। सार्वजनिक परिवहन, जैसे बसें अब भी देश के कुछ हिस्सों में उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में बच्चों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए वह व्यवस्था कराएं। वहीं सोशल मीडिया के जरिए शुरुआती तौर पर जारी की गई मदद की अपील में, राव ने कहा है कि आईआईटी दिल्ली भी इन प्रयासों को कोऑर्डिनेट करने के लिए जल्द ही एक पोर्टल शुरू करने की योजना बना रहा है। बता दें देशभर के 23 आईआईटी में प्रवेश के लिए जेईई मेन्स के बाद जेईई एडवांस्ड की परीक्षा होती है।

बता दें, इस बार जेईई मेन्स की परीक्षा 6 सितंबर होगी। इसके बाद जेईई एडवांस्ड परीक्षा का आयोजन 27 सितंबर को किया जाएगा। बता दें, देशभर के छात्रों ने महामारी के कारण इन परीक्षाओं में शामिल होने के लिए मुश्किलें जाहिर की हैं। उनकी प्रमुख चिंताओं में से एक सार्वजनिक परिवहन के उपलब्ध न होने की वजह से दूर परीक्षा केंद्रों तक जाना है। ऐसे में अभ्यर्थियों की मदद करन के लिए कहा गया है।

आईआईटी दिल्ली के निदेशक की राज्य सरकारों से अपील
इस संबंध में अपने फेसबुक पोस्ट में निदेशक राव ने कहा कि जिनके पास साधन हैं उन्हें या तो छात्रों को उनके परीक्षा केंद्र तक पहुंचाना चाहिए। उन्होंने लिखा, ‘नागरिक तौर पर, हमें संकट के समय साथ खड़े होने और एक दूसरे की मदद करने की आवश्यकता है। यदि मैं एक ग्रामीण क्षेत्र में हूं और मुझे एक कार मिली है, और वहां अगर कोई गरीब छात्र है, जिसे परीक्षा केंद्र जाना है और वह निजी परिवहन का खर्च नहीं उठा सकता, तो मैं छात्र को परीक्षा हॉल तक ले जाऊंगा। मैं इसे पूरी तरह से मुफ्त में करूंगा। यदि मेरे पास समय नहीं है, तो मुझे निजी परिवहन के लिए छात्र को आर्थिक रूप से मदद करने में खुशी होगी। जो कि स्वाभाविक बात है।

मुझे उम्मीद है कि परीक्षा खत्म होने के बाद ऐसी कहानियां सुनने को मिलेंगी।’ निदेशक ने कहा कि आईआईटी दिल्ली 95-99 प्रतिशत उम्मीदवारों को पहली वरीयता वाले परीक्षा केंद्र आवंटित करना चाहता है, जो इस वर्ष दोगुना कर दिया गया है। उन्होंने मुम्बई, कानपुर, खड़गपुर के साथी आईआईटी निदेशकों और अन्य लोगों से भी मदद मांगी है। वहीं उन्होंने राज्य सरकारों और स्थानीय प्रशासन से बसों की व्यवस्था करने और परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए विशेष प्रावधान करने की अपील की है। हालांकि कई राज्य सरकारों ने परिवहन की नि:शुल्क व्यवस्था भी शुरू की है ताकि बच्चों को किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़ें।

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