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पिता ने दूध बेचकर बेटे को पढ़ाया, बेटे ने पीसीएस में पाया चौथा स्थान 

पिता ने दूध बेचकर बेटे को पढ़ाया, बेटे ने पीसीएस में पाया चौथा स्थान

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के पीसीएस 2018 के आए परिणाम में बुंदेलखंड जैसे पिछड़े इलाके के लाल ने चौथा स्थान हासिल किया। उन्होंने साफ कर दिया है कि मेधाएं कीचड़ के कमल की तरह कहीं भी खिल सकती हैं। कोंच तहसील के ग्राम अमीटा के किसान चेतराम शिवहरे के बेटे विपिन ने वह कर दिखाया जिसकी कल्पना उसके घर वालों ने भी नहीं की थी। पीसीएस में चयनित विपिन मौजूदा में भोपाल में महालेखाकार विभाग में ऑडिट ऑफीसर के पद पर कार्यरत है, उसने दूरभाष पर बातचीत में कहा कि उसने इसके लिए काफी मेहनत की है ताकि चयनित होकर वह जनता की सेवा कर सके। उसने कहा कि नेताओं की खुशामद नहीं बल्कि जनता की परेशानियां दूर करना उसका लक्ष्य है।

बेटे की कामयाबी ऐसे ही नहीं मिली हे। पेशे से किसान चेतराम ने अपने बेटों को बहुत ही मेहतन से पढ़ाया। उन्होंने बच्चों की खातिर दूध तक बेचा यही नहीं उन्होंने और भी तरीके से अपनाएं। विपिन का भाई लेखपाल है। जबकि, तीसरा भाई और छोटी बहन सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं। फरवरी में विपिन की शादी ग्वालियर की रहने वाली आरती देवी से हुई है। विपिन ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई एट, कोच और उरई के स्कूलों से पूरी की है।

उनके पिता चेतराम बच्चों को पढ़ाने के लिए किसानी के साथ दूध बेचने का काम करते थे। वे पुराने दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि जब लोग अपने बच्चों को साइकिल-बाइक पर बैठाकर स्कूल छोड़ने जाते थे तो मैं साइकिल पर दूध लादकर बेचने जाता था। कभी कभार जब बेटे को स्कूल छोड़ना पड़ता पीपों पर बोरा बिछाकर उस पर बच्चों को बैठाता था। उन्होंने बताया कि दूध बेचने के बाद दोपहर बाद जब घर लौटता तो बच्चों को स्कूल से लेकर लाता था। उन्होंने बताया कि हमने बहुत ही परेशानी का समाना किया है लेकिन अब बच्चों ने सारी परेशानियों को दूर कर दिया है। उनकी पत्नी कुसमा देवी ने भी हर कदम पर बच्चों का उत्साह बढ़ाया और संकट के समय मेरा भरपूर सहयोग दिया। जिससे मेरा हौसला और धैर्य नहीं टूटा।

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