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कैम्पस रिपोर्टर

प्राथमिक विघालय के छात्रों का टैलेंट देखकर भावुक हुआ लेखक 

प्राथमिक विघालय के छात्रों का टैलेंट देखकर भावुक हुआ लेखक

भदोही –   दो दिन पूर्व व्यक्तिगत समारोह में शिरकत करने जनपद भदोही जाना हुआ, बेसिक शिक्षा विभाग हेड मास्टर के एक समर्पित शिक्षक श्री अशोक यादव जी से सोशल मीडिया द्वारा संपर्क में था. बच्चों को अपने तरीके से स्मार्ट बनाने के उनके समर्पित भाव को अक्सर देखा करता था. काफी समय से उनका भी आमंत्रण था. इसलिए भदोही पहुचते ही वहां जाने के लिए बड़ा उत्साहित था मै…

वाराणसी से लगभग पचास पचपन किलोमीटर पहले जीटी रोड से लगा हुआ औराई क्षेत्र में ग्राम जेठूपुर है. वहीँ पर मात्र दो कमरे में संचालित होता यह प्राथमिक विद्यालय है. बगल में गहरा दलदली तालाब, ठीक से खेलने, बैठने खाने तक की जगह नहीं है. तमाम अव्यवस्थाओं के बीच पढ़ते हैं ये बच्चे (जिनमे कई बच्चे मुसहर समुदाय से के भी थे). इन सवा सौ बच्चों को मात्र एक सहायक अध्यापक के साथ पूरी लगन और निष्ठा से न केवल कार्य करते देखा बल्कि बच्चों में भी शिक्षा और शैक्षिक खेल के प्रति दीवानगी देखी.

संध्या, बेटी और मै तीनो लोग बच्चों के लिए पेस्ट उपहार, और चिप्स के पैकेट के साथ प्रत्येक कक्षा के आल राउंडर मेधावी बच्चों के लिए पुरष्कार लेकर गए थे. भजन, गीत के साथ मस्ती हुयी मज़ा आया. सभी बच्चों को भी बहुत अच्छा लगा. गांव में प्रवेश करते ही थोड़ा अफसोस भी हुआ कि काशः यदि पहले से मालूम होता कि वहां भी मुसहर लोग जो डेरा बना कर रह रहे हैं तो कुछ और भी करता. लेकिन मेरा स्वयं से वादा है जब भी दुबारा जाना होगा, कुछ खास और उनके जीवन के लिए परिवर्तनकारी अवश्य होगा.

भदोही जिले में साहवेस (सम्राट अशोक मानव कल्याण एवं शिक्षा समिति) के चार वालंटियर हैं प्रयास करूँगा साहवेस की शैक्षिक गतिविधियों में अन्य जिलों के परिषदीय विद्यालयों के साथ साथ इस विद्यालय को भी जोड़ सकूँ. यहाँ बताता चलूँ बच्चो और साथ साथ परिषदीय विद्यालय के समर्पित शिक्षकों के उत्साहवर्धन के लिए हमने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से महाराजगंज, फतेहपुर, उन्नाव, शाहजहांपुर, कानपुर देहात, अकबरपुर, कानपुर नगर आदि सहित कई जिलों के परिषदीय विद्यालयो को साहवेस की शैक्षिक गतिविधियों से जोड़ रखा है.

आमंत्रित करता हूँ उन सभी समर्पित शिक्षकों को जो वास्तव में अपने विद्यालयों के बच्चों के लिए सीमित संसाधन के चलते भी कुछ विशेष करना चाहते हैं. विश्वास दिलाता हूँ एक कदम आप आगे बढ़ाओ, समन्यवयक, खण्ड शिक्षा अधिकारी और विभागीय क्लर्क बाबू सब के सब आपके पक्ष में आने लगेंगे. क्यों कि अच्छा सबको अच्छा लगता है. जो नहीं आएंगे उनको ठीक करने के तरीके भी हैं. तमाम ऐसे शिक्षक शिक्षिका भी हमसे जुड़े हैं जिन्होंने अपनी कार्यप्रणाली के चलते विभाग के अधिकारियों के स्वाभाव और भाव दोनों बदल दिए.

रिपोर्ट – धर्मेंद्र केआर सिंह

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