Subscribe Now
Trending News

Blog Post

हम किसी से कम नहीं

तबले पर नन्हे हाथों की थाप देती है बड़े-बड़ों को टक्कर 

तबले पर नन्हे हाथों की थाप देती है बड़े-बड़ों को टक्कर

प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती.इस बात को गाजीपुर के रुद्रांश ने सच साबित कर दिखाया है.महज चार साल की उम्र का ये बच्चा पूरी कुशलता से तबला और ढोलक बजाता है.खिलौने से खेलने की उम्र में गाजीपुर का 4 साल का रुद्रांश जब स्टेज पर पूरी तन्मयता से लय और ताल के साथ तबला बजाना शुरु करता है तो देखने और सुनने वाले मंत्र मुग्ध हो जाते हैं.दिलचस्प बात ये है कि चार साल के रुद्रांश ने अभी तक संगीत की कोई तालीम नहीं ली है.बावजूद इसके तबले पर उसके नन्हे हाथों की थाप किसी बड़े उस्ताद से कम नहीं.

रुद्रांश ने 2 साल की उम्र में ही तबले जैसे वाद्ययंत्र पर जब थाप देना शुरु किया तो घरवालों ने इसे बचपना समझा,लेकिन दो वर्ष बीतते बीतते आज चार साल का ये मासूम किसी उस्ताद की तरह संगीत की महफिल में वाहवाही बटोर रहा है. रुद्रांश की नन्ही अंगुलियों की थापे किसी मंजे संगीतकार के हुनर से टक्कर लेती सुनाई पड़ती है.

रुद्रांश के घर में किसी के पास संगीत की शिक्षा या कला नहीं है.रुद्रांश के बाबा बेशक संगीत प्रेमी है.घर में हर हफ्ते एक दिन भजन कीर्तन के कार्यक्रम की परम्परा रही है.यहीं घरेलू संगीत कार्यक्रम शायद रुद्रांश की प्रेरणा बना.संगीत कला रुद्रांश के नैसर्गिक गुणो में शामिल थी.घर में होने वाले भजन कीर्तन को सुनसुन कर रुद्रांश धीरे-धीरे संगीत का उस्ताद बनता रहा. घर से निकल कर छोटे उस्ताद रुद्रांश की संगीत प्रतिभा अब तमाम स्टेज प्रोग्रामों तक पहुंच गई है.

चार साल के मासूम तबला उस्ताद ने कई कार्यक्रमों में अपना जलवा बिखेरा है.जिसके चलते लोग उसकी इस प्रतिभा के मुरीद हो चुके हैं. बगैर किसी संगीत शिक्षा के महज चार साल की उम्र में छोटे उस्ताद को पूरे जुनून के साथ तबला बजाते देख लोग हैरत में पड़ जाते हैं.

लोग इसे रुद्रांश का नैसर्गिक गुण मानकर उसकी संगीत प्रतिभा पर मंत्रमुग्ध नजर आ रहे हैं.जबकि रुद्रांश की इस कला पर परिजन गर्व महसूस कर रहे हैं.रुद्रांश के परिजनों की आंखों में बेटे के उज्जवल भविष्य का सपना है.लोगों को उम्मीद है कि आज का ये छोटा उस्ताद अपनी प्रतिभा के दम पर आगे चलकर देश का नाम रौशन करेगा.

Related posts

Leave a Reply

Required fields are marked *