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नहीं बना बांध, गोमती किनारे बसे 165 गांवों पर खतरा और बढा 

नहीं बना बांध, गोमती किनारे बसे 165 गांवों पर खतरा और बढा

लखनऊ। राजधानी में गोमती किनारे बसे 165 गांव ऐसे हैं, जो हर बारिश में बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। इस दिक्कत से निजात पाने के लिए ग्रामीण कई वर्षों से नदी के दोनों छोर पर बांध बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। शनिवार को समीक्षा बैठक में यह मुद्दा उठा तो सीएम ने तुरंत कमिश्नर अनिल गर्ग, डीएम कौशलराज शर्मा और सीडीओ प्रशांत शर्मा को बांध की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। बांध का निर्माण बारिश से पहले संभव नहीं है। ऐसे में अफसर बाढ़ वाले इलाकों में गोमती की सफाई का प्रस्ताव भी तैयार करने में जुटे हैं।

मंडलीय समीक्षा बैठक में बाढ़ से निपटने के इंतजामों की चर्चा के दौरान बीकेटी के विधायक अविनाश त्रिवेदी ने गोमती से सटे 165 गांवों में बाढ़ का मुद्दा उठाया। वहीं, सिंचाई विभाग की ओर से सीएम को सौंपी गई रिपोर्ट में गांवों की संख्या के अलावा बांध निर्माण का कोई जिक्र नहीं था। इस पर सीएम ने सिंचाई विभाग के अफसरों को फटकार लगाई। उन्होंने गोमती के दोनों छोर पर जल्द से जल्द कच्चे और पक्के बांध के निर्माण के संबंध में कार्य योजना मांगी है।
पिछले साल बारिश में बाढ़ से प्रभावित गांवों का तत्कालीन डीएम राजशेखर ने दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से यहां गोमती के दोनों छोर पर बांध निर्माण की प्रॉजेक्ट रिपोर्ट बनाने का निर्देश दिया था, लेकिन डीएम के तबादले के साथ ही सिंचाई विभाग के अफसर चुप्पी साध कर बैठ गए।

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