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मेरे स्कूल वाले दिन

बचपन वाले स्कूल के दिन 

बचपन वाले स्कूल के दिन

इंदौर –  हमारा स्कूल एक रेसिडेंशियल स्कूल था। यदि हमारी किसी भी दोस्त के मम्मी-पापा उनसे मिलने आते तो वे साथ में टिफिन भी लाते थे,जो हम सब मिलजुलकर खाते थें।हर वर्ष युवा दिवस पर ,हमारे स्कूल में सूर्य नमस्कार+योगा कराया जाता था। जो पूर्णतः सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण होता था। भले ही रोज पी. टी या योगा करने में आलस आता है।पर उस दिन पता नहीं कहा से इतना जोश आ जाता था?

हमारी मित्रमंडली हमेशा सोचती थी कि ग्रुप स्टडी की जाए,हमने कई बार कोशिश भी की।पर हर बार वह ग्रुप स्टडी ग्रुप डिस्कशन में बदल जाती थी।ऐसा ग्रुप डिस्कशन जिसमें सिर्फ मस्ती होती थी।स्कूल की सुबह की पी.टी, मॉर्निंग असेंबली,खेलने का समय,शिवालिक ,अरावली,उदयगीरी,नीलगिरी हाउस आदि को हम बहुत याद करते हैं। सबसे यादगार पल वह थे ,जब परीक्षा की कॉपियां दिखाई जाती थी।उस दिन सबके चेहरे देखने लायक होते थे।कुछ लोगों को अपने नंबरों से ज्यादा दूसरों के नंबर जानने में दिलचस्पी रहती थी।

रिपोर्ट – हमारा ब्लैकबोर्ड डेस्क

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