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आंगनबाड़ी केंद्रों को नंद घर बनाने के लिए यूपी सरकार दे रही लाखों का बजट 

आंगनबाड़ी केंद्रों को नंद घर बनाने के लिए यूपी सरकार दे रही लाखों का बजट

छोटे-छोटे बच्चों को बेहतर से बेहतर सुविधा मिले इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से आंगनबाड़ी केंद्रों को सुधारने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इस समय राज्य में चल रहे राज्य पोषण मिशन कार्यक्रम के तहत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को शासन आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की कोशिश में जुटा है। आधुनिक सुविधाओं से केंद्र लैस हो सके इसके लिए कवायद सफल करने में इस समय अधिकारी जुटे हुए हैं। इसी क्रम में अमेठी जिले के शुक्ल बाजार ब्लॉक के सात आंगनबाड़ी केंद्रों को (प्रति केंद्र 7.52 लाख रुपये) नंद घर के रूप में तब्दील करते हुए सुविधाओं से लैस किया गया है। आंगनबाड़ी केंद्र पर सुविधा बढ़ने से बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा के साथ ही कुपोषित व गर्भवती महिलाओं की निगरानी में सहूलियत होगी।

बता दें, योगी सरकार बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है। बता दें, शासन की तरफ से जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के साथ ही बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा बेहतर बनाने के लिए ग्राम पंचायतों में आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जाता है। गांवों में बने आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन पुराने व सुविधाओं की कमी के चलते शासन की ओर से संचालित योजनाओं को लागू करने में परेशानी हो रही है। योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए ग्रामीण विकास एवं सामाजिक कार्यक्रम के तहत शासन ने केंद्रों का कायाकल्प करने की योजना बनाई है।

उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर बाजार शुकुल ब्लॉक के तेंदुआ, कुटी मवैया, जलाली बलापुर, पूरे बेंचूलाल, नेवाज मदारगढ़, पूरे रेवतीदास व पारा गांव के आंगनबाड़ी केंद्र का चयन नंद घर के रूप में किया गया है। करते हुए प्रति केंद्र 7.52 लाख रुपये की लागत से उन्हें सुविधाओं से लैस किया गया है। यहां पर पूरी सुविधाओं से केंद्र को लैस करने के बाद तीन वर्ष के बच्चों की प्री-प्राथमिक शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण की व्यवस्था बेहतर बनाई जाएगी।

यही नहीं, उन्हें बेहतर ढंग से पढ़ाया भी जाएगा ताकि बच्चे आगे चलकर कुछ अच्छा कर सकें। इस संबंध में शुक्ल बाजार के सीडीपीओ विनय कुमार ने बताया कि नंद घर के रूप में चयनित होने वाले केंद्र पर चित्रकारी व ई-लर्निंग के माध्यम से बच्चों को गुणवत्तापरक प्रारंभिक शिक्षा के साथ कुपोषित व अतिकुपोषित और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की निगरानी करने में सहूलियत होगी। उन्होंने बताया कि इन केंद्रों पर भोजन का प्रबंध होने के साथ उन्हें घर से लाने व छोड़ने के लिए एक मोबाइल बैन का भी प्रयोग किया जाएगा।

 

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