बांदा। शैक्षिक संवाद मंच के साप्ताहिक वेबीनार में रविवार को शामिल शिक्षक-शिक्षिकाओं ने स्कूली अनुभव साझा कर सामुदायिक सहयोग से विद्यालय को आनंद घर बनाने के लिए पहल करने की जरूरत को रेखांकित किया। कहा गया कि आनंदघर विद्यालय ऐसा होगा जहां बच्चों को अभिव्यक्त होने की पूरी आजादी होगी। भय एवं दंड रहित माहौल में वे अपनी रचनात्मकता विकसित कर सकेंगे।
ऑनलाइन परिचर्चा में उत्तर प्रदेश के 15 जिलों से 32 शिक्षक- शिक्षिकाओं ने अपना परिचय और विद्यालय विकास की कहानी प्रस्तुत की। सपना कुशवाहा (औरैया) एवं प्रीति श्रीवास्तव (झांसी) ने खेल -खेल में शिक्षा देने और बच्चों में आर्ट एवं साहित्य लेखन के अपने प्रयासों को बताया। दीप्ति सक्सेना (बरेली) एवं माधुरी जायसवाल (जौनपुर) ने बच्चों के साथ अपने विज्ञान शिक्षण के प्रयोगो की चर्चा कर विज्ञान को उपलब्ध संसाधनों से पढ़ाने एवं प्रयोग के अनुभव व्यक्त किए। दीक्षा मिश्रा (फतेहपुर) एवं मनुजा द्विवेदी (झांसी) ने बच्चों के ज्ञान निर्माण में भ्रमण को जरूरी बताते हुए अनुभव लिखने एवं बाल साहित्य पढ़ने के प्रयासों की चर्चा की। श्वेता मिश्रा (महोबा) एवं नीलम जैन (ललितपुर) ने विद्यालय में बच्चों के साथ खेल, शैक्षिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमो से आनंदपुर शिक्षण के अनुभव साझा किए।
अरविंद सिंह (वाराणसी) एवं चंद्रशेखर सिंह (बांदा) ने बच्चों की क्षमताओं पर विश्वास करने और उन्हें अवसर उपलब्ध कराने के रोचक प्रयासों को साझा किया। पूनम नामदेव और नूतन वर्मा (सहारनपुर) एवं सुनीता गुप्ता (मथुरा) ने अपने विद्यालयों में शैक्षिक तकनीकी नवाचारों से बच्चों को विद्यालय से जोड़ने एवं विभिन्न विषयों को सरल बोधगम्य बनाने के तरीकों पर चर्चा की। अमिता शुक्ला (शाहजहांपुर) ने अपने एक कक्षीय विद्यालय के बदलाव की कहानी सुनाई। सुमन गुप्ता व श्रद्धा बबेले (झांसी) एवं कमलेश पांडेय (वाराणसी) ने समुदाय के सहयोग से विद्यालय में सकारात्मक परिवर्तन की जानकारी दी।
प्रियदर्शनी तिवारी (कौशांबी) एवं प्रियंका विक्रम सिंह (बांदा) ने अपने विद्यालयों में बाल अखबार प्रकाशन से बच्चों का लेखन कौशल दर्शाते चित्र साझा किये। छवि अग्रवाल (वाराणसी) ने अपने विद्यालय को आनंद घर के रूप में बदलाव की रोचक यात्रा प्रस्तुत की। कृष्ण कुमार (औरैया) एवं नौरीन सआदत (बांदा) ने बच्चों को प्रकृति से जोड़कर विद्यालय में वाटिका विकास की चर्चा की। वेबिनार में बलराम गुप्ता, रीता गुप्ता, शमसुन निशा, नम्रता श्रीवास्तव, अंकित श्रीवास्तव, कविता रानी, शैलेंद्र शंखधर आदि शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी अपने शैक्षिक प्रयोग साझा कर बच्चों को आनंद पूर्ण शिक्षा प्रदान करने की पैरवी की। इस वेबिनार का संचालन प्रमोद दीक्षित ने किया।
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