देश में बढ़ते कोरोना वायरस की वजह से सरकार की तरफ से स्कूल खोलने की छूट दिए जाने के बाद भी अभी तक स्कूल नहीं खोले गए हैं। उत्तर प्रदेश में भी 5 अक्टूबर तक स्कूल बंद रहेंगे। कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से पिछले छह माह से विद्यालयों में ताला लटका हुआ है। विद्यालय में शिक्षक जाकर वहां से ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करा रहे हैं।
बच्चों की खराब हो रही पढ़ाई को देखते हुए एक स्कूल के शिक्षक ने अनोखा तरीका निकाला है। अब वह ऑनलाइन पढ़ाई में लगातार आ रही शिकायतों को देखते खास तरीक से स्कूल में पढ़ाने जा रहे हें। बंद पड़े विद्यालयों में विद्यार्थियों का ध्यान किताबों से न हट जाए, इसलिए एक शिक्षक ने अनोखा प्रयोग किया है। यूपी के ललितपुर जिले के ये शिक्षक रोज अपनी मोटरसाइकिल पर ब्लैकबोर्ड बांधकर गांव की गलियों में घूम-घूमकर बच्चों को पढ़ाते हैं।
उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले के राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक कृष्णमुरारी उपाध्याय के इस तरीके की सभी तारीफ कर रहे हैं। कोरोना के बढ़ते खतरों के बीच में उन्होंने अनोखा तरीका निकाला है। कोरोना वायरस के चलते बंद पड़े विद्यालयों के कारण कई विद्यार्थी पढ़ना लिखना न भूल जाएं, इसलिए उन्होंने बच्चों की पढ़ाई को लेकर पहल की है। ललितपुर जिले के
महरौनी विकास खण्ड के ग्राम पठा में स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक कृष्णमुरारी की सभी तैयारी कर रहे हैं। वह राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित हैं। कृष्णमुरानी अपने सहायक अध्यापक हरीराम के साथ मोटरसाइकिल के पीछे ब्लैकबोर्ड बांधकर गलियों में घूमकर बच्चों को ब्लैकबोर्ड पर लिखकर पढ़ा रहे हैं।
इस तरह से आकर्षित हो रहे बच्चे
बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रतिदिन सुबह वह 11 बजे स्कूल के लिए निकल पड़ते हैं। वह मोटरसाइकिल पर ब्लैकबोर्ड बांधकर 11 सितम्बर से निकले हैं। बच्चों को ब्लैक बोर्ड पर लिखकर ही सवाल समझाते व पढ़ाते हैं। इससे सोशल डिस्टेन्स का पालन भी बच्चों द्वारा रखा जाता है। उन्होंने कहा कि वह ग्राम पठा, गुंदरापुर, बैजनाथ में जाकर वह स्कूल समय के बाद गांव में पढ़ाने के लिए जाते हैं।
अब उनके पढ़ाने का अंदाज बच्चों भा गया है और बच्चे भी खूब पढ़ रहे हैं। अध्यापक ने अपनी मोटरसाइकिल में एक छोटा सा लाउडस्पीकर लगा लिया है और उसमें एक गाना भरा हुआ है। वह गांव की जिस गली में पहुंचते हैं तो लाउडस्पीकर की आवाज सुनकर बच्चे समझ जाते हैं कि अध्यापक आ गए हैं, बच्चे भी किताबें लेकर पढ़ने के लिए पहुंच जाते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा में आ रही बाधा
इस समय शिक्षकों के सामने बहुत बड़ी समस्या ऑनलाइन शिक्षा को कैसे करके फॉलो कराया जाए। शिक्षक कृष्ण मुरारी उपाध्याय ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते छः महीने से विद्यालय बंद पड़े हैं। ऐसे में अध्यापक ई पाठशाला का संचालन करके वॉट्सऐप के माध्यम से बच्चों को पढ़ा रहे हैं, लेकिन कुछ बच्चों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं। ऐेसे में वह पढ़ भी नहीं पा रहे हैं। उन्होंने सोचा कि बच्चों को कैसे पढ़ाया जाये और सोशल डिस्टेन्स का पालन भी हो, इसलिए उन्होंने विचार किया कि क्यों न स्कूल उनके घर पहुंच जाए।
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