कोरोना वायरस की वजह से इस समय स्कूल और कॉलेज बंद चल रहे हैं। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई माध्यम सिर्फ ऑनलाइन ही बचा है। बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा के जरिए ही स्कूल की तरफ से कोर्स को पूरा कराने की कोशिश की जा रही है। ऑनलाइन क्लास की एक खूबसूरत सी तस्वीर तेलगांना के स्कूल देखने को मिली है। जहां पर पिछड़े गांव की एक बेटी मचान पर बैठक पढ़ाई करती हुई नजर आ रही है। उस बेटी ने साबित कर दिया है कि मन में लगन और मजबूत इच्छाशक्ति हो तो इंसान को रास्ते में आने वाली बाधाएं भी रोक नहीं सकती हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तेलंगाना की यह बेटी सरकारी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय की छात्रा सफा जेरेन ने की है। सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीरें वायरल होने के बाद लाखों लोगों ने अब तक उसे लाइक किया है और बेटी को सलाम किया है। उसे फोटो खेत में बनी मचान पर पढ़ाई करती बच्ची की है। 11 साल की सफा जरीन के पिछड़े गांव में नहीं आता नेटवर्क, कोरोना काल में सरकारी हो प्राइवेट सभी स्कूलों की पढ़ाई इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन चह रही है। ऐसे में बीहड़ गांवों में रहने वाले कई छात्र ऑनलाइन शिक्षा के लिए संघर्ष कर रहे हैं। तेलंगाना सरकार द्वारा संचालित अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय की छात्रा सफा जरीन भी उन्हीं में से एक है। सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें वायरल होने के बाद लाखों दिल जीते।
खेत में बने मचान पर बैठकर कर पढ़ाई
घर से कई किलोमीटर की दूरी पर जाकर सफा जरीन पढ़ाई करती है। तेलंगाना के निर्मल जिले के रजारा के एक गाँव में सफा जरीन रहती हैं। वह निर्मल में तेलंगाना अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय में पढ़ रही है। वो तकनीकी समस्याएं और नेटवर्क सिग्नल की कमी गाँव के लोगों के सामने ऑनलाइन पढ़ाई करने वाले छात्रों के सामने आने वाली कुछ प्रमुख समस्याएं हैं। ऐसे में वह बेटी पढ़ने के लिए खेतों में चली जाती है। वह इस बाधा को दूर करने का पूरा प्रयास करने लगी और इन बाधाओं ने ज़रीन के पढ़ाई करने की ललक और इच्छा को कम नहीं किया। एक विजेता की तरह पढ़ाई के प्रति अपना जज्बा कायम रखते हुए जरीन ने खेत में पेड़ पर बनी मचान पर अपनी पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया। अब बेटी की पढ़ाई से सभी देखकर सलाम कर रहे हैं।
गांव से दो किलोमीटर की दूरी पर बेहतर नेटवर्क
सफा जरीन पढ़ाई करने के लिए प्रतिदिन घर से दो किलोमीटर दूर जाती है। वह जहां पर रहती है उस गांव जहाँ नेटवर्क नहीं रहता हैं। उसके गांव से दो किलोमीटर की दूरी पर ही बेहतर नेटवर्क मिलता है। ऐसे में जरीना ने मक्के के खेत में पड़े पेड़ के सहारे बने मचान पर बैठकर अपनी ऑनलाइन पढ़ाई करने का निर्णय लिया। अब वह प्रतिदिन सुबह अपनी स्कूल की ड्रेस पहन कर अपना स्कूल बैग और पिता का मोबाइल लेकर गांव से दो किलोमीटर दूर इस मचान पर आकर बैठकर घंटों अपनी पढ़ाई करती हैं। बेटी की इस ललक से और भी लोग प्रोत्साहित हो रहे हैं। सफा खेत में बने मचान पर बैठकर मोबाइल की सहायता से सभी ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेती है और ऑनलाइन कक्षाओं से संबंधित वीडियो देखने और होमवर्क करने के लिए घंटों इसी मचान पर पढ़ाई करती रहती हैं। बेटी की इस लगन को देखकर सभी लोग सलाम भी कर रहे हैं। अब ये बेटी लोगों के प्रेरणा का स्त्रोत बन गई है।
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