Subscribe Now
Trending News

Blog Post

सलाम आपको

कोरोना संकट में ऐसे छात्र करें गैजेट का प्रयोग, पढ़ें ऑनलाइन भाषण 

कोरोना संकट में ऐसे छात्र करें गैजेट का प्रयोग, पढ़ें ऑनलाइन भाषण

कोरोना वायरस के संकट के चलते इस समय स्कूल और कॉलेज बंद चल रहे हैं। ऐसे में छात्र अपने शिक्षकों को सम्मानित भी नहीं कर पा रहे हैं और न ही उनके सम्मान में कुछ कह पा रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों को सम्मानित करने का एक अच्छा मौका ऑनलाइन माध्यम ही है

कोरोना संकट में इस समय ऑनलाइन क्लासेज भी चल रही है तो ऐसे में छात्र अपने शिक्षक को सम्मानित कर सकते हैं। छात्रों की तरफ से ऑनलाइन माध्यम ही अच्छा माध्यम है जिसके जरिए वह सम्मानित कर सकते हैं। इस मौके पर आपने मुझे मेरे शिक्षकों के प्रति सम्मान प्रगट करने का अवसर दिया इसके लिए धन्यवाद।

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागै पाएं ।
बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दिओ बताए।।

कबीरदास जी के इस दोहे ने गुरु का महत्व भगवान से भी बढ़कर बताया है। कबीर के अनुसार, भगवान और गुरु दोनों सामने खड़े मिले तो मन में दुविधा हुई कि पहले किसका अभिवादन करें? लेकिन भगवान का मैं आभारी हूं कि उन्होंने इशारा किया। यानी उन्होंने बता दिया कि गुरु को पहले सम्मान दो।

आज हम गुरु के इसी सम्मान के शिक्षक दिवस मना रहे हैं। भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत वर्ष 1962 से हुई थी। यह शिक्षक दिवस भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में मनाया जाता है। उनका देश के शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान रहा है। उनके योगदान को कभी देश भूला नहीं सकता है। श्री राधाकृष्णन का जन्म दिनांक 5 सितंबर 1888 को हुआ था।

जब वह देश के उप-राष्ट्रपति बने तो उसके बाद कुछ छात्रों, मित्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की बात कही। यह सुन कर डॉ. राधाकृष्णन बोले, मेरा जन्म दिन मनाने की जगह अगर इस दिन शिक्षक दिवस मनाया जाए तो मुझे भी गर्व होगा। तब से आज तक हर वर्ष हमारे देश में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन हम उन्हें याद करने के साथ सभी शिक्षकों का सम्मान और धन्यवाद करते हैं।

अगर भारत की बात की जाए तो टीचर्स डे का भारत में अपना एक बहुत अलग ही महत्व है। यहां पर टीचर डे पर अपने गुरुओं का सम्मान करने का अपना एक अलग ही तरीका है। कुछ अपने गुरुओं के लिए उपहार लाते हैं, उनको फोन करते हैं तो श्रद्धा के साथ अपने गुरुजनों की बातों को याद करते हैं। यही नहीं, विद्यालय के पूर्व छात्र इस मौके पर शिक्षकों को सम्मानित भी करते हैं। आज इस मौके पर अपने गुरु का सम्मान बढ़ाने वाला कोई संकल्प भी ले सकते हैं। शिक्षक दिवस के महत्व पर और भी ज्यादा बोला जा सकता है। लेकिन मैं अब अपनी बात को एक श्लोक के साथ समाप्त करना चाहूंगा।

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

जय हिन्द।।
एक बार फिर से गुरुजी को सादर चरणस्पर्श।

Related posts

Leave a Reply

Required fields are marked *