देशभर में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है। पूरे देश में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत ही तेजी के साथ में फैल रहा है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब ये साफ हो गया है कि कोरोना वायरस आने में 6 महीनों या एक साल में खत्म नहीं होने वाला है। यहां तक कि अगर संक्रमण दर गिरना भी शुरू हो जाता है, तब भी इस बात की संभावना नहीं है कि वायरस पूरी तरह से गायब हो जाएगा।
ऐसे माहौल में कोरोना वायरस से बचने के लिए एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, आसपास की चीज़ों को डिसइंफेक्ट करना, साफ-सफाई रखना कुछ ऐसे उपाय हैं, जिनकी मदद से कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है। इसके अलावा परीक्षण के समय और वायरस का पता लगाने के तरीकों में कम समय लगे, तो ये महामारी के प्रति हमारी प्रतिक्रिया को बेहतर बना सकता है।
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच में कई ऐसे गैजेट भी तैयार किए है, जिनका प्रयोग करके आप कोविड-19 से काफी हद तक अपने को सुरक्षित कर सकते हैं। अगर हम आपको बताएं कि भविष्य में फिटनेस ट्रैकर जैसा एक सरल गैजेट कोविड-19 का पता लगाने में मदद कर सकता है, तो आप क्या कहेंगे? जी हां, वैज्ञानिक अब इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या फिटनेस गैजेट्स स्वास्थ्य मापदंडों को मापने के साथ-साथ यह भी पता लगा सकते हैं कि किसी व्यक्ति को कोरोना वायरस है या नहीं।
फिटनेस बैंड अब आएगा काम?
बैंड का प्रयोग बहुत ही लोगों को करते हुए हम सभी ने देखा होगा। यही स्मार्ट गैजेट और फिटनेस ट्रैकर किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य मापदंडों को मापने का काम करते हैं और कुछ तो दिल का दौरे जैसे बीमारी का भी पता लगा सकते हैं। तो कुछ नींद और अन्य परिभाषाओं को ट्रैक करके आपके स्वास्थ्य को मापते हैं। यानि कहा जाए कि यह बैंड बहुत काम का होता है, तो बिल्कुल ही गलत नहीं होगा। बता दें, अधिकांश फिटनेस ट्रैकर किसी व्यक्ति की हृदय गति, को मापकर काम करते हैं, जो एक महत्वपूर्ण पैरामीटर है। इस बैंड के बारे में वैज्ञानिक अब सोच रहे हैं कि क्या वही तकनीक सांस में बदलाव का पता लगाने में सहायक हो सकती है। बता दें, अमेरिका में किए गए एक अध्ययन में, वैज्ञानिक यह देखने में सक्षम थे कि एक लोकप्रिय फिटनेस वियर ब्रैंड हृदय की दर में वृद्धि के आधार पर उन लोगों की पहचान करने में सक्षम था, जिन्हें इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी थी।
यह ऐसे करेगा काम
कोरोना वारयस भले ही कम न हो रहा हो, लेकिन इसके लक्षणों से आसानी से कोविड-19 का पता चल जाता है। कोविड-19 में खांसी, सर्दी, बुखार जैसे विशेष लक्षण उपस्थित होते हैं, लेकिन शरीर में किसी तरह का संक्रमण विकसित हो रहा है, तो हृदय की दर बढ़ने से भी इसका पता लगाया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने दैनिक गतिविधि को मापा और दर्ज किया, ताकि वे दैनिक गतिविधि के कम स्तर की पहचान कर सकें।
इन दोनों उपायों के संयोजन से शोधकर्ताओं को यह अनुमान लगाने में मदद मिली कि किसके इन्फ्लूएंज़ा जैसी बीमारी है। बता दें, फिटनेस बैंड हृदय गति रिकॉर्ड करते हैं और लंबी अवधि के लिए डेटा स्टोर करने में सक्षम होते हैं, इसलिए वे कोरोना के प्रसार को ट्रैक करने और पता लगाने के लिए उत्कृष्ट गैजेट साबित हो सकते हैं। खासकर ऐसे वक्त में जहां कोरोना टेस्ट कराना आसान नहीं है। लेकिन अब कोरोना वायरस को कम करने के लिए ऐसे कुछ उपाय किए जा रहे हैं।
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