बीडीओ डॉ आराधना त्रिपाठी ने गांव में ही किया जन समस्याओं का निस्तारण। बीडीओ होलागढ़ का सर्वश्रेष्ठ जनोपयोगी अधिकारी के रूप में घुघरी उत्सव पर होगा सम्मान
इलाहाबाद। कहते हैं जब सरकार और जनता के बीच संवाद बेहतर होता है तब तरक्की की राह और आसान हो जाती है। इलाहाबाद के होलागढ ब्लॉक की बीडीओ डॉ आराधना त्रिपाठी ने जनसुनवाई के दौरान जनता की सम्सयाओं को न सिर्फ समझा बल्कि और सरकार और जनता के बीच दूरी को कम किया। डॉ आराधना ने गांव चलो सरकार अभियान को जनसुनवाई के दौरान सार्थक किया। बताते चलें कि जनसुनवाई की परिकल्पना डॉ समाज शेखर की थी। समाज शेखर ने भयहरणनाथ धाम में व़र्ष 2016 से जनसुनवाई कार्यक्रम शुरू करवाया था।
डॉ आराधना को मिलेगा जनपयोगी अधिकारी सम्मान
इलाहाबाद के उत्तरी छोर और प्रतापगढ़ जनपद की दक्षिणी हिस्से में बकुलाही नदी के किनारे प्रसिद्द पांडव कालीन भयहरणनाथ धाम में आगामी नागपंचमी के अवसर पर आयोजित घुघुरी लोक उत्सव में होलागढ़ की खंड विकास अधिकारी डॉ आराधना को जनोपयोगी अधिकारी के ख़िताब से नवाजा जायेगा। वजह है कि धाम पर सामाजिक सहयोग से सामाजिक कार्यकर्ता डॉ समाज शेखर के मार्गदर्शन में गत 26 जनवरी 2016 से जन सहायता केंद्र संचालित है। उक्त जन सहायता प्रत्येक मंगलवार मेले के अवसर पर धाम में संचालित हो रहा है। जिसमे समीपवर्ती इलाहाबाद व प्रतापगढ़ जनपद के लोग अपनी समस्याओं के निस्तारण हेतु आवेदन करते है। अभी तक लगभग 500 आवेदन आये है जिसमे से लगभग 230 का निस्तारण हुआ है। जिसमे सर्वाधिक निस्तारण होलागढ़ विकास खंड की लोक प्रिय बीडीओ डॉ आराधना ने बड़ी संजीदगी से किया है।
कौन हैं डॉ आराधना त्रिपाठी और प्रताप गढ से क्या है रिश्ता
बहुत कम लोग जानते होंगे डॉ आराधना प्रतापगढ के कुण्डा के एक गांव में जन्मी और उन्होंने यहीं कृपालु जी बालिका इंटर कालेज से पढाई की। आगे चलकर डॉ आराधना ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से पढाई की। बीएड एमएड के बाद शैक्षणिक मनोविज्ञान में पीएचडी भी की। डॉ आराधना वर्ष 2012 की एमएड की गोल्ड मैडलिस्ट रही हैं। पढाई में शुरू से ही मेधावी रहीं डॉ आराधना ने पहले ही प्रयास में बीडीओ की परीक्षा पास की। उनकी पहली पोस्टिंग इलाहाबाद के सोरांव ब्लॉक में हुई थी। डॉ आराधना के पिता श्री रामचन्द्र त्रिपाठी स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत रहे हैं। माता श्रीमती संगीता त्रिपाठी कुशल गृहणी रही हैं।
पति आशीष को मानती हैं अपना रोल मॉडल
डॉ आराधना के पति श्री आशीष त्रिपाठी नवोदय विदालय में अंग्रेजी के प्राध्यापक हैं। इतना ही नहीं वह कॅरिअर काउंसलर हैं और एजुकेशन पर कालम भी लिखते हैं। डॉ आराधना त्रिपाठी अपने पति आशीष त्रिपाठी को अपना रोल मॉडल मानती हैं। वह साफ कहती हैं कि उन्हें जनसेवा की प्रेरणा अपने पति आशीष से मिली। बताते चलें कि आशीष त्रिपाठी को श्रेष्ठ अध्यापन कार्य के लिए प्रतिष्ठित गुरु परम अवार्ड भी कमल चुका है।
जनसुनवाई में समस्याओं के निस्तारण में दिखाई तेजी
भयहरणनाथ धाम क्षेत्रीय विकास संस्थान ने तय किया है कि डॉ आराधना ने जिस ततपरता और संबेदनशीलता से जन समस्याओं के निस्तारण में प्रभावी कार्यवाही की है वह कविले तारीफ है। क्षेत्र के बहुत सारे निसहाय लोगो की समस्याओं को समाप्त करने में अहम् भूमिका निभाई है। सामाजिक कार्यकर्ता डॉ समाज शेखर ने कहा कि इस क्षेत्र के समाज द्वारा डॉ आराधना का सम्मान सर्वश्रेष्ठ जनोपयोगी अधिकारी के ख़िताब से 28 जुलाई को नागपंचमी पर भयहरणनाथ धाम में आयोजित घुघुरी लोक उत्सव में नवाजा जायेगा।
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