गोंडा – एकपल ठहर कर तो देखिए दहलीज पर कदम रखते ही आप अपने बचपन की यादों मे खींचते चले जायेंगे और फिर सारी पिक्चर सामने आनी शुरू हो जायेगी।आज कुछ ऐसा ही मेरे साथ हुआ। जैसे ही मैने अपने बचपन के स्कूल की दहलीज पर कदम रखा सामने ही बरामदे मे मुझे वह ब्लैकबोर्ड दिखा जिसके सामने मैने अपने साथियों के साथ बैठ कर शिक्षा की पहली सीढी पर सफर करने की शुरुआत की थी ।ब्लैक बोर्ड के सामने खड़े उसे घंटों निहारता रहा।फिर क्या पूंछना एक के बाद एक यादेंकिसी पिक्चर की तरह सामने घूमने लगी। सच मानिए एक पल के लिए ऐसे लगा जैसे संसार की सारी गतिविधियां ही रूक गयींहों। मै खड़ा उस सुनहरे पलमे घंटों खोया रहा । मास्टर जी के डंडों की मार से लेकर खेल कूद तक याद आते रहे । एकझटका लगा और फिर जैसे आइना ही टूट गया हो ,आंखें छलक आईं और अपनेसहपाठियों की याद सताने लगी ।
शुरूआती दौर की पढाईमे किताबों के साथ शब्दों को लिखने के लिए लकड़ी से बनी तख्ती और जंगली पौधे सेंठा या नरकुल की बनी कलम प्रयोग मे लाई जाती थी। लिखने के लिए खड़िया मिट्टी का प्रयोग होता था ,ब्लैक बोर्ड की तरह तख्ती पर कोयले की राख का लेप किया जाता था जिससे उस पर लिखे गये शब्द साफ और स्पष्ट दिखाई दें तख्ती पर घर से लेकर स्कूल मे क ई बार कोयले की लेप लगानी पड़ती थी बाद तख्ती को चमकदार बनाने के लिए कई तरह के पत्तों का रस प्रयोग मे लाया जाता था। ऐसा करते समय क ई बार चेहरे और कपडे भी खराब हो जाया करते थे।कपड़ा और चेहरे पर कालिख लग जाने पर घर पर भी मार खानी पड़ती थी।
कापियों की जगह लकड़ी की तख्ती पर लिखे जाते थे सुलेख –
आजकल की तरह कांपियां ,किताबें और लिखने के लिए पेन नहीं मिलती थी । एक झोले मे किताब और कलम रखते झोले को कंधे पर डाल हाथ मे खड़िया मिट्टी से भरी दवात लेकर प्राथमिक पढाई के लिए स्कूल लगने के पहले पहुंच जाया करते थे । कुछ समय खेलने को मिल जाता था ।हमारे सहपाठियों मे पंतनगर कस्बे के ही दीनानाथ विश्व कर्मा, धनलाल साहू,ऋषि कुमार श्रीवास्तव, रामजी श्रीवास्तव, बद्री विशाल सैनी,मुन्ना अग्रवाल,घनश्याम,सुभाष चन्द्र कनवजिया,बब्बन चौरसिया, सहित तमाम साथी थे । ये पढाईमे परिश्रमी होने के साथ शरारतीभी बहुत थे । हमे याद है कि एक बार मजाक मे ही दीना नाथ ने स्कूल के समय मे ही पास के एक घर से मुर्गी उठा ली थी ।शिकायत पर हेड मास्टर जी ने पूछताछ शुरू की साथी को बचाने का खेल शुरू हुआ ।मुर्गी पालक अपनी मुर्गी के लिए आंशू बहाये जा रहा था । उधर मास्टर जी सब बच्चों से पूछताछ मे डटे रहे। कोई हल न निकलने पर सभी साथियों के साथ मुझे भी कान पकड़वा कर मुर्गा बना दिया । इससे भी जबकोई हल नही निकला तो मास्टर जी ने बेश्रम के डंडे से सभी के हाथ लाल कर दिये।दूसरेसुबह स्कूल के अनुचर को मुर्गी कूड़ा फेकने वाले झाबे के नीचे ढकी मिली ।
हेड मास्टर के आने की भनक लगते ही पसर जाता था सन्नाटा –
हमारे विद्यालय के हेड मास्टर वेनीमाधव शुक्ला थे।दिखने मे जितने कड़क थे उतने अन्दर से बहुत ही सरल थे। उन्हें अपने छात्रों से बहुत प्यार था ।वे स्कूल की छुट्टी के बाद एक्सट्रा क्लास पढाते थे । और मौखिक कार्य मे पहाड़ा ,गिनती याद कराई और सुनी जाती थी। मध्यान्ह की छुट्टी के समय कभी दलिया का पकौड़ा तो कभी चने के साथ दूध का स्वाद आज भी याद आते ही मुंह मे पानी आ जाता है । मध्यकाल के अवकाश की घंटी बजते ही
रिपोर्ट – राजेंद्र तिवारी
Related posts
हमारा कैम्पस
अटेवा अमावां की नई कार्यकारिणी गठित, शिक्षक सतीश चौरसिया बने संयोजक
रायबरेली। नई पेंशन स्किम और निजीकरण के विरोध में काम कर रहे आल टीचर्स एंड एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) की अमावां…
टैबलेट का प्रयोग करके किया जाए बच्चों का निपुण टेस्टः मो. मतीन
रायबरेली। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में शासन के निर्देशानुसार मंगलवार को संकुल शिक्षक बैठक का आयोजन किया गया।…
सुभारती विश्वविद्यालय छात्रों को दे रहा है उज्ज्वल भविष्य बनाने का सुनहरा अवसर
उच्च शिक्षा जीवन को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाती है। मौजूदा दौर में अच्छे रोजगार के लिए प्रतिस्पर्धा बढ़…
आईईटी में दो नए कोर्स होंगे शुरू, अब बीटेक कम्प्यूटर साइंस हिंदी में भी
डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि के घटक संस्थान आईईटी, लखनऊ में इसी सत्र से दो नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किये…
जानें कामयाब इंसानों की 5 आदतें: अगर आप में भी हैं ये तो ज़रुर पहुँचेंगे सफलता की ऊँचाइयों पर
एक इंसान की आदतें ही यह तय करती हैं कि वह अपनी ज़िंदगी में कितना सफल बनेगा और कितना आगे…
Career Tips: 12वीं बाद ज्यादा कॉलेजों और कोर्सेज में करें अप्लाई, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
स्टूडेंट्स (Students) के 12वीं क्लास के रिजल्ट्स (Results) आने शुरू हो गए हैं और अब वे आगे की तैयारियों में…
एमएमएमयूटी में प्रवेश प्रक्रिया शुरू, छात्र 6 जुलाई से कर सकेंगे आवेदन
मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एमएमएमयूटी) में स्नातक व परास्नातक कोर्स में प्रवेश के लिए मंगलवार से आवेदन शुरू हो…
सेना से लिया वीआरएस, जिला प्रोबेशन अधिकारी बने विनय यादव
कहते हैं कि किसी भी काम को शुरू करने की कोई उम्र नहीं होती है। अगर मेहनत और लगन से…
जज्बा! 20 साल की उम्र में छूटी पढ़ाई, अब 67 साल की उम्र में हासिल की PhD डिग्री
वडोदरा: कहते हैं कि पढ़ाई की ना उम्र होती है और ना कोई सीमा। इसी को सच करके दिखाया है गुजरात…
जानें कामयाब इंसानों की 5 आदतें: अगर आप में भी हैं ये तो ज़रुर पहुँचेंगे सफलता की ऊँचाइयों पर
एक इंसान की आदतें ही यह तय करती हैं कि वह अपनी ज़िंदगी में कितना सफल बनेगा और कितना आगे…
मिलिए 28 साल के इस शख्स से जो सोशल मीडिया पर देते हैं सफल बिजनेस टिप्स! रतन टाटा भी लेते हैं सलाह, मानते हैं बात
आज हम आपके लिए एक ऐसे नौजवान के बारे में बता रहे हैं जिसने कम्र उम्र में बिजनेस इंडस्ट्री में…
असफलता और शादी की शर्त के बीच निधि सिवाच ने पास की यूपीएससी परीक्षा
यूपीएससी का सफर कई लोगों के लिए संघर्षपूर्ण होता है और यहां उन्हें मानसिक रूप से भी काफी दबाव झेलना…