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किसानों को ऋण अदायगी का नोटिस न जारी करें बैंक 

किसानों को ऋण अदायगी का नोटिस न जारी करें बैंक

लखनऊ। चमत्कार ही कहा जाएगा कि भारत में किसानों का फसल उगाना उस घड़ी भी जारी है जब
जाहिर हो चुका है कि यह उनकी बर्बादी का सबब है और कभी-कभी तो उनके लिए मौत का सामान भी
साबित हो सकता है। भारत अब किसानों का देश नहीं रहा। महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में जारी बवाल एक
और संकेत है कि किसानी दुखों का कारण बन चली है। यूपी में योगी सरकार ने किसानों के आंसू पोंछने
का काम किया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी बैंकों को निर्देश देने के लिए कहा
है कि वे राज्य सरकार का बजट पारित होने तक फसल ऋण माफी योजना से लाभान्वित होने वाले
किसानों को ऋण अदायगी के लिए कोई नोटिस जारी ना करें। योगी ने फसली ऋण योजना के
क्रियान्वयन के संबंध में शुक्रवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए वित्त विभाग को
प्रभावी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार का 2017-18 का बजट पारित होने के तत्काल बाद लघु और सीमान्त
किसानों की फसली ऋण माफी की समतुल्य धनराशि बैंकों को उपलब्ध कराते हुए किसानों को ऋण माफी
संबंधी प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाने के निर्देश दिए। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कर्ज माफी
प्रमाण-पत्र 86 लाख लघु और सीमान्त किसानों के बीच जाकर उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत बजट पारित कराकर योजना को लागू किया जाए।
योगी ने कहा कि सभी बैंकों को स्पष्ट निर्देश दे दिए जाएं कि राज्य सरकार का बजट पास होने तक वे
इस योजना से लाभान्वित होने वाले किसानों को ऋण अदाएगी के लिए कोई नोटिस ना जारी करें। उन्होंने
निर्देशित किया कि तत्काल राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक आहूत करके इस योजना का प्रभावी
क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। वर्तमान सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में लघु और सीमान्त
किसानों के 31 मार्च, 2016 तक के एक लाख रुपये तक के फसली ऋण को माफ किए जाने का निर्णय
लिया था।

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