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इस बच्‍चे के सामने चूर हो जाता है ठंड का घमंड 

इस बच्‍चे के सामने चूर हो जाता है ठंड का घमंड

5 किमी दूर कंपकपाती ठंड में रोज पैदल स्कूल जाता है यह 8 साल का बच्चा, हाल जान रह जाएंगे हैरान

क्लास में आते-आते नन्हे वांग का हाल कुछ ऐसा होता है कि बर्फ उसके बालों से लेकर भौंवों तक नजर आती है।
न्हे वांग के स्कूल पहुंचने की कहानी जब हेडमास्टर को पता लगी थी, तो उन्होंने उसका फोटो खींच लिया था और उसे इंटरनेट पर पोस्ट कर दिया था।
चीन से एक आठ साल के बच्चे की हैरान करने वाली तस्वीरें सामने आई हैं। बच्चे को -9 डिग्री तापमान में रोजाना पैदल स्कूल जाना पड़ता है, जो उसके घर से तकरीबन पांच किलोमीटर दूर है। बच्चा रास्ते में ठिठुरते हुए स्कूल पहुंचता है। क्लास में आते-आते उसका हाल कुछ ऐसा होता है कि बर्फ उसके बालों से लेकर भौंवों तक नजर आती है। गाल कुल्फी जमा देने वाली ठंड के कारण सुर्ख लाल हो चुके होते हैं। होठ बुरी तरह से फट जाते हैं और हाथों की स्थिति आप खुद नीचे तस्वीर में देखिए। बच्चे के इस हाल के बारे में जब उसके मास्टर को पता लगा, तो उसने उसका फोटो खींचकर इंटरनेट पर डाल दिया। सोशल मीडिया पर फोटो सामने आते ही वह तेजी से वायरल होने लगा। लोगों ने उसकी हालत के आधार पर उसे आइसबॉय बताना शुरू कर दिया। जबकि, कुछ लोग उसकी हालत पर प्रशासन और गरीबी के आलम को लेकर सवाल उठा रहे हैं। यह मामला सोमवार (8 जनवरी) को सोशल मीडिया के जरिए उठा, जब नन्हे वांग की तस्वीरें फेसबुक, टि्वटर और वॉट्सऐप सरीखे प्लैटफॉर्म्स पर तैर रही रही थी। वह यहां के युन्नान प्रांत में शिंगजी शहर के पास रहता है। शहर में ही उसका स्कूल है, जहां जाने के लिए रोज उसको कंपकपाती ठंड का सामना करना होता है। घर से स्कूल तक उसे रोजाना तीन मील यानी कि 4.8 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। ठंड और बर्फ इस दौरान उसके बाल, सिर, भौंवों और चेहरे पर चोट करती है।

-9 डिग्री तापमान में रोज पैदल स्कूल पहुंचने के बाद वांग के हाथों का कुछ ऐसा हुआ है हाल।
हेड मास्टर फु हेंग शुरू में उसके रोज स्कूल पहुंचने के संघर्ष पर विश्वास नहीं करते थे। मगर जब बाद में उसकी हालत देख उन्हें भी यकीन करना पड़ा। हेंग ने इसके बाद उसकी तस्वीर खींची, जो बाद में सोशल मीडिया पर डाली गई। इंटरनेट पर उसकी तस्वीर आते ही लोगों ने उसे आइस बॉय का टैग दे दिया। बच्चे की कहानी सामने आने के बाद स्कूल को डोनेशन मिला, ताकि वहां पर हीटर और बाकी गर्मी से राहत देने वाले उपकरण लगाए जा सकें। यही नहीं, स्कूल को 144 गर्म कपड़ों के सेट भी इसी क्रम में दिए गए हैं।

हेडमास्टर ने बताया, “परीक्षाओं का पहला दिन था। सर्दी इतनी भीषण थी कि तापमान माइनस नौ डिग्री सेल्सियस के नीचे पहुंच गया था। बच्चा स्कूल से दूर रहता है। क्लास में आने पर उसकी हालत देखने लायक होती है। सहपाठी उसका इसी बात पर मजाक बनाते हैं। फिर भी वह अपना मनोबल कम नहीं होने देता और स्कूल आता है। बच्चे के साथ उसकी बहन और दादी रहती हैं।”
साभार: जनसत्‍ता

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